Testo Tu Jo Hans Hans Ke Sanam - Udit Narayan & Kavita Krishnamurthy
Testo della canzone Tu Jo Hans Hans Ke Sanam (Udit Narayan & Kavita Krishnamurthy), tratta dall'album Tu Jo Hans Hans Ke Sanam
तू जो हँस-हँस के, सनम, मुझ से बात करती है
तू जो हँस-हँस के, सनम, मुझ से बात करती है
बस यही बात ज़माने को बुरी लगती है
बस यही बात ज़माने को बुरी लगती है
तेरी चाहत जो मेरे साथ-साथ चलती है
तेरी चाहत जो मेरे साथ-साथ चलती है
बस यही बात ज़माने को बुरी लगती है
बस यही बात ज़माने को बुरी लगती है
मैंने एक बार नहीं, बार-बार देखा है
तेरे हाथों में मेरे प्यार की जो रेखा है
तेरी खुशबू मेरी साँसों में जो महकती है
तेरी खुशबू मेरी साँसों में जो महकती है
बस यही बात ज़माने को बुरी लगती है
बस यही बात ज़माने को बुरी लगती है
मेरे हमदर्द, तू समझा दे दिल दीवानी को
हर भली चीज़ बुरी लगती है ज़माने को
मेरी रग-रग में वफ़ा बनके लहू बहती है
मेरी रग-रग में वफ़ा बनके लहू बहती है
बस यही बात ज़माने को बुरी लगती है
बस यही बात ज़माने को बुरी लगती है
मैं तेरे ख़ाब सजाता हूँ अपनी आँखों में
नाम आ जाता है तेरा मेरी हर बातों में
तेरी तारीफ़ मेरे लब से जो निकलती है
तेरी तारीफ़ मेरे लब से जो निकलती है
बस यही बात ज़माने को बुरी लगती है
बस यही बात ज़माने को बुरी लगती है
तू जो हँस-हँस के, सनम, मुझ से बात करती है
तेरी चाहत जो मेरे साथ-साथ चलती है
बस यही बात ज़माने को बुरी लगती है
बस यही बात ज़माने को बुरी लगती है
Credits
Writer(s): Nadeem Shravan, Sameer
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