Testo Hum Tum - Jatin-Lalit feat. Alka Yagnik, Babul Supriyo & Prasoon Joshi
Testo della canzone Hum Tum (Jatin-Lalit feat. Alka Yagnik, Babul Supriyo & Prasoon Joshi), tratta dall'album Hum Tum
साँसों को साँसों में ढलने दो ज़रा
साँसों को साँसों में ढलने दो ज़रा
धीमी सी धड़कन को बढ़ने दो ज़रा
लम्हों की गुज़ारिश है यह पास आ जाए
हम हम तुम
तुम हम तुम
आँखों में हुमको उतरने दो ज़रा
बाहों में हमको पिघलने दो ज़रा
लम्हों की गुज़ारिश है यह पास आ जाए
हम हम तुम
तुम हम तुम
साँसों को साँसों में ढलने दो ज़रा
सलवटें कहीं करवटें कहीं
फैल जाए काजल भी तेरा
नज़रों में हो गुज़ार था हुआ
ख्वाबों का कोई खफीला
जिस्मों को रूहो
को जलमे दो ज़रा
शर्मो खया को
मचलने दो ज़रा
लम्हों की गुज़ारिश है यह पास आ जाए
हम हम तुम
तुम हम तुम
साँसों को साँसों में ढलने दो ज़रा
चूलों बदन मगर इस तरह
जैसे सुरीला साज़ हो
हम है रे छुपे
तेरे ज़ुल्फ़ में
खोलो के रात आज़ाद हो
आँचल को सीने से ढलने दो ज़रा
शबनम की बूँदें फिसलने दो ज़रा
लम्हों की गुज़ारिश है यह पास आ जाए
हम हम तुम
तुम हम तुम
साँसों को साँसों में ढलने दो ज़रा
बाँहों में हमको पिघलने दो ज़रा
लम्हों की गुज़ारिश है यह पास आ जाए
हम हम तुम
तुम हम तुम
हम हम तुम
तुम हम तुम
Credits
Writer(s): Lalitraj Pandit, ? Sameer
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