Testo Aadmi Musafir Hai - Yusuf Azaad
Testo della canzone Aadmi Musafir Hai (Yusuf Azaad), tratta dall'album Jannat Ki Rail, Vol. 7
आदमी मुसाफिर है, आता है, जाता है
आते जाते रस्ते में, यादें छोड़ जाता है
आदमी मुसाफिर है, आता है, जाता है
आते जाते रस्ते में, यादें छोड़ जाता है
आदमी मुसाफिर है
झोंका हवा का, पानी का रेला
झोंका हवा का, पानी का रेला, मेले में रह जाये जो अकेला
मेले में रह जाये जो अकेला, फिर वो अकेला ही रह जाता है
आदमी मुसाफिर है, आता है, जाता है
आते जाते रस्ते में, यादें छोड़ जाता
कब छोड़ता है, ये रोग जी को
कब छोड़ता है, ये रोग जी को, दिल भूल जाता है जब किसी को
दिल भूल जाता है जब किसी को, वो भूलकर भी याद आता है
आदमी मुसाफिर है, आता है, जाता है
आते जाते रस्ते में, यादें छोड जाता है
क्या साथ लाये, क्या तोड़ आये
क्या साथ लाये, क्या तोड़ आये, रस्ते में हम क्या-क्या छोड़ आये
रस्ते में हम क्या-क्या छोड़ आये, मंजिल पे जा के याद आता है
आदमी मुसाफिर है, आता है, जाता है, आते जाते रस्ते में, यादें छोड़ जाता
जब डोलती है, जीवन की नैय्या
जब डोलती है, जीवन की नैय्या, कोई तो बन जाता है खिवैय्या
कोई तो बन जाता है खिवैय्या, कोई किनारे पे ही डूब जाता है
आदमी मुसाफिर है,आता है,जाता है, आते जाते रस्ते में,यादें छोड़ जाता है
यादें छोड़ जाता है
Credits
Writer(s): Payam Saeedi, Mami Bhachu
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